श्री ब्रह्मा-सावित्री सिद्ध पीठ
ब्रह्मा जी का एक मन्दिर पुष्कर, राजस्थान में स्थित है और दूसरा मन्दिर आसोतरा में है, जो जोधपुर के लाल पत्थरों से बना है तथा मुख्य पोल के आगे एलिवेशन पीले (सुनहरे पत्थरों) से जो विशेष रूप से जैसलमेर के पत्थरों से बनाया गया है। इस मन्दिर का विश्राम गृह जोधपुरी पत्थर ( चितर पत्थर ) से बनाया गया है। मन्दिर में ब्रह्माजी की मूर्ति स्थापित है, जो संगमरमर की बनाई गई है। ब्रह्माजी के मन्दिर की नींव मन्दिर धरातल से 51 फिट तक गहराई व धरातल से 51 फीट तक की ऊँचाई में बनाया हुआ है। नींव की खुदाई भूजल तक की गयी थी। नींव खुदाई के समय नींव की गहराई से भूजलीय जल का प्रवाह हुआ था।। ब्रह्माजी के मन्दिर का शिलान्यास दिनांक 20 अप्रैल 1961 को किया गया तथा प्रतिष्ठा वैशाख शुक्ल पंचमी, 6 मई 1984 को की गयी। कमल के पुष्प में पदमासन में विराजित ब्रह्माजी की मूर्ति संगमरमर के पत्थरों से निर्मित है। जो कि श्रृद्धा व आकर्षण के केन्द्र का मुख्य बिन्दु है। ब्रह्माजी के मन्दिर में बालाजी व गजानन्दजी की मूर्ति स्थापित है|
ब्रह्माजी के मन्दिर के चारों तरफ 8 ऋषि मूर्तियां श्रीउद्दालकजी, श्रीवशिष्ठजी, श्रीकश्यपजी, श्रीपरासरजी, श्रीगौतमजी, श्रीपिप्लादजी, श्रीशाण्डिल्यजी व श्रीभरद्वाजजी की मूर्तिंया स्थापित है। 4 सनकादिक सनक, सनन्दन, सनातन एवं सनत कुमार है।
मन्दिर में 16 कृष्णालीला की मूर्ति है तथा मन्दिर के बाहर 14 कृष्णलीला की मूर्तिंयां व मन्दिर सम्मुख से बायीं तरफ एक हाथी की मूर्ति है जिस पर भगवान इन्द्र विराजमान है और दाहिनी तरफ एक हाथिनी की मूर्ति है इस पर भगवान कुबेर विराजमान है।
इस मन्दिर की स्थापना 20 अप्रैल 1961 में शुरू हुआ था। यहां हर दिन 100 किलोग्राम तक अनाज पक्षियों को खिलाते हैं। यह भारत का पहला ऐसा ब्रह्माजी का मन्दिर है जिसमें ब्रम्हाजी के साथ माता सावित्री विराजमान है। इस मंदिर का निर्माण राजपुरोहित समाज के कुलगुरु श्री श्री 1008 श्री खेताराम जी महाराज द्वारा करवाया गया |