राजपुरोहित समाज महा अधिवेशन
(दिनांक 11 व 12 फरवरी 2018)
श्री ब्रह्मधाम आसोतरा पर राजपुरोहित समाज के अनंत श्री विभूषित ब्रह्मषि ब्रह्माचार्य ब्रह्मा सावित्री सिद्ध पीठाधीश्वर सद्गुरूदेव श्री तुलछारामजी महाराज गादीपति श्री खेतेश्वर ब्रह्मधाम तीर्थं आसोतरा एवं अध्यक्ष श्री ब्रह्माजी का मन्दिर एवं राजपुरोहित समाज न्यास आसोतरा, महामण्डलेश्वर पूज्य श्री निर्मलदासजी महाराज, ब्रह्माचारी पूज्य श्री शंकरस्वरूपजी महाराज सांथू, पूज्य श्री सत्यानन्दजी महाराज गादीपति रविधाम, पूज्य श्री बालकदासजी महाराज, पूज्य श्री संत चेतनानन्दजी सरस्वती डण्डाली, पूज्य वेदान्ताचार्य डाॅ. ध्यानारामजी महाराज, पूज्य श्री परशानन्दजी महाराज जोडमठ, दण्डीस्वामी पूज्य श्री देवानन्दजी सरस्वती कालिन्द्री आदि सन्तजनों के पावन सान्निध्य में समाज के प्रबुद्धजन एवं ग्रामवार चयनित प्रतिनिधि सदस्यों की उपस्थिति में गहन चिन्तन, मनन एवं विचार के उपरान्त समाज हित में सर्वसहमति से निम्नानुसार निर्णय लिये गये जो कि इस प्रकार है –
नशा मुक्ति:-
समाज के किसी भी कार्यक्रम, समारोह एवं सभा में जाजम पर या अलग से कमरे आदि में जाकर अफीम, डोडा का सेवन करना पूर्णतया प्रतिबन्धित रहेगा।
मृत्यु भोज: –
- समाज में 12/24 खेड़ा या अन्य किसी नाम से न्यात नहीं की जायेगी। साथ ही जीवित न्यात का आयोजन नहीं किया जायेगा।
- समाज में 12 दिन तक डांगड़ी रात से पूर्व केवल सादा भोजन ही होगा। किसी भी प्रकार की मिठाई का प्रयोग नहीं किया जायेगा।
- समाज में 12वें दिन गंगाप्रसादी पर सादा भोजन बनाया जायेगा। लेकिन यदि मिठाई बनाई जाती है तो केवल एक ही मिठाई बनाई जाये।
सगाई समारोह सम्बन्धित नियम:-
- सगाई दस्तुरी में सादा नारियल व ग्यारह रूपये दिये जायेंगे एवं हाथ में अधिकतम रू. 1100/- तक ही दिये जा सकेंगे।
- थाल एवं किसी प्रकार की ओढोमणी व वेष आदि नहीं कियें जायेगें।
- सगाई के बाद मीठी कोतली आदि का प्रचलन बन्द किया जाता है।
शादी समारोह:-
- बारात में अधिकतम 200 बाराती ही ले जाये जायेंगे।
- दहेज किसी भी रूप में दिखावा, आडंबर के रूप प्रदर्शित नहीं किया जाये।
- दहेज आदि के रूप में थाली में अधिकतम ग्यारह हजार रूपये तक की ही राशि रखी जाये।
- बारातियों को जवारी निमित 11 रूपये का लिफाफा दिया जायेगा वो भी स्वजाति और उपस्थित बारातियों को ही दिया जाये अन्य कोई उपहार नहीं दिया जायेगा।
- पड़ले में 11 थाल से अधिक नहीं किये जा सकेंगे।
विवाह-विच्छेद सम्बन्धी विवाद:–
- अपने समाज के लड़के एवं लड़कियों की शादी के बाद कोई विवाद उत्पन्न होने के कारण एक पक्ष न भेजे या ससुराल पक्ष वाले न ले जाये। ऐसे मामलों के यथोचित समाधान हेतु ब्रह्मधाम आसोतरा ट्रस्ट शीघ्र ही कदम उठायेगा, जिसके तहत पहले गांव स्तर पर समझाइस के प्रयास किये जायेंगे एवं साथ ही आसोतरा धाम पर न्यास के निर्देशन में एक केन्द्रीय समिति का गठन किया जायेगा जिसमें ऐसे विवादों के समाधान के प्रयास किये जायेंगे। कमेटी में महिला प्रतिनिधियों को यथायोग्य स्थान दिया जायेगा।
- इन कमेटियों के माध्यम से वैवाहिक विवादों के समाधान हेतु सामाजिक स्तर पर प्रयास किये जायेंगे। सुलह न होने की स्थिति में गुनाहगार पक्ष के साथ समाज बर्ताव नहीं करेगा।
राजपुरोहित समाज की हमारी उच्च सांस्कृतिक परम्पराऐं, मर्यादाऐ, अनुशासन एवं जो हमारा जीवन दर्शन रहा है। समाज में रहते हुए कोई भी व्यक्ति यदि इन परम्पराओं के विरूद्ध आचरण करता है जिससे हमारी सामाजिक एकता, समरसता एवं मर्यादाओं को आंच आती है ऐसे व्यक्ति जो समाज की जरूरत नहीं समझता, राजपुरोहित समाज ऐसे कृत्यों की कड़े शब्दों में भत्र्सना करता है और समाज में ऐसे लोगों की कोई जरूरत नहीं है।
समाज के किसी क्षेत्र, पट्टी, परगनों में पहले से ही सुधार के जो प्रयास किये जा चुके है जैसे मृत्युभोज में जहां मिष्ठान, नशावृत्ति, दहेज दिखावा, ओढोमणियों और भी कृरीतियों को बन्द कर दी गई है उनके प्रयास सराहनीय है। समाज उनका अनुसरण करने की चेष्टा करेंगा।
पूज्य श्री गुरू महाराज एवं सन्तवृदों के सान्निध्य में हमारे आराध्य श्री खेतेश्वर भगवान को साक्षी मानते हुए इस महा अधिवेशन में दिए गए निर्णयों की अनुपालना सुनिश्चित हो इसके लिए समाज के हर आम और खास व्यक्ति का यह परम कत्र्तव्य बनता है कि इस सुधारों का स्वंय अनुसरण करें।