संत श्री संस्थान
ब्रह्मकुलगुरु ब्रह्मांशावतार ब्रह्मर्षि परम आराध्य श्री खेतेश्वर भगवान के दिव्य आशीष एवं ब्रह्मा सावित्री सिद्ध पीठाधीश्वर ब्रह्माचार्य सतगुरुदेव पूज्य श्री तुलछारामजी महाराज की सत प्रेरणा तथा वेदांताचार्य डाॅ. श्री ध्यानाराम जी महाराज के समन्वय में श्री ब्रह्मा मंदिर एवं राजपुरोहित समाज विकास न्यास, श्री खेतेश्वर ब्रह्मधाम तीर्थ, आसोतरा (बाड़मेर) के सहयोगी संगठन के रूप में अखिलविश्व राजपुरोहित खेतेश्वर युवा सेवा संघ की स्थापना 2013 में हुई। यह संस्था शिक्षा, संस्कार, संगठन, मानव-सेवा के क्षेत्र में अपना कार्य कर रही है। इस संस्था का पंजीयन ‘संत श्री संस्थान’ के नाम से अगस्त 2017 में हुआ। इसका कार्यक्षेत्र संपूर्ण भारत है।
संत श्री संस्थान का आदर्श वाक्य :- लोकाः समस्ताः सुखिनो भवन्तु। अर्थात सभी प्राणी सुखी होवें।
संत श्री संस्थान के तत्वावधान में मार्च 2021 तक सम्पन्न हुए कार्यों का विवरण:-
शिक्षा के क्षेत्र में :-
- भारतीय पुरातन समृद्ध संस्कृति को पुनर्जीवित करने एवं ब्रह्मकुल की परंपरा को अपना गौरवमय स्थान दिलाने के लिए ‘ब्रह्मर्षि खेतेश्वर वेद विज्ञान गुरुकुल’ की स्थापना की गई। वर्तमान में संत श्री संस्थान द्वारा दो गुरुकुलों का संचालन किया जा रहा है। एक श्री खेतेश्वर ब्रह्मधाम तीर्थ, आसोतरा से थोड़ी दूर स्थित गुरु प्याऊ, जुँझाणी नाडी, मायलावास तहसील सिवाना में तथा दूसरा गुरुकुल कुलगुरु श्री खेतेश्वर भगवान की जन्म स्थली बिजरोल खेड़ा (सांचोर) में संचालित है। वर्तमान में दोनों गुरुकुलों में राजस्थान के विभिन्न गाँवों से लगभग 170 ऋषिकुमार अध्ययनरत हैं। इन्हें आधुनिक शिक्षा के साथ-साथ गुरुकुल पद्धति से शिक्षण करवाया जा रहा है। यहाँ ऋषिकुमारों का बौद्धिक, शारीरिक एवम् आध्यात्मिक विकास विभिन्न प्रकार की गतिविधियों के द्वारा किया जा रहा है। आधुनिक तकनीकी शिक्षा भी इन्हें दी जा रही है।
- राजपुरोहित युवा प्रतिभा खोज परीक्षा दो चरणों में संपन्न हुई। इस परीक्षा का मुख्य उद्देश्य राज्य व राष्ट्रीय प्रशासनिक क्षेत्र में युवाओं को तैयार करना। चयनित प्रतियोगियों के लिए जयपुर, जोधपुर और दिल्ली केन्द्रों पर व्यवस्था की गई।
- जनवरी 2021 में शिक्षक भर्ती परीक्षा (रीट) की परीक्षा तैयारी हेतु मार्गदर्शन कक्षाएं श्री खेतेश्वर विद्यापीठ, बड़ली, जोधपुर में शुरू की गई है।
संस्कार के क्षेत्र में:-
- संत श्री संस्थान राजपुरोहित समाज के बालक और बालिकाओं को संस्कारवान बनाने के लिए संस्कार शिविरों और सम्मेलनों का आयोजन कर राजस्थान के समाज बाहुल्य जिलों व राजस्थान से बाहर विभिन्न राज्यों में आयोजन किया जा रहा है। अभी तक संपन्न हुए बालक-बालिकाओं के संस्कार शिविरों व सम्मेलनों का विवरण निम्नलिखित है –
- जून 2015 में ब्रह्मधाम आसोतरा पर पांच दिवसीय युवा प्रेरणा संस्कार शिविर का आयोजन किया जिसमें 300 बच्चों ने भाग लिया था। उससे प्रेरणा पाकर गुरुमहाराज की आज्ञा लेकर ट्रस्ट के आग्रह को मानते हुए पूज्य गुरु डाॅ. वेदांताचार्य ध्यानारामजी महाराज ने राजपुरोहित बहुलीय गांवों में संस्कार शिविर आयोजित करने का निर्णय लिया।
- दिसम्बर 2015 से जनवरी 2016 में पहली बार बाड़मेर, सिरोही, पाली व जोधपुर में बालकों के संस्कार शिविर हुए। इन सम्मेलनों में 2050 बालकों ने भाग लिया।
- मई-जून 2016 में मेड़ता, बीकानेर, सरदार शहर व हनुमानगढ़ में बालकों के संस्कार शिविर में 2200 बालकों ने भाग लिया।
- अक्टूबर 2016 में पहली बार बाड़मेर, सिरोही, जालोर, पाली, जोधपुर, बीकानेर व आसोतरा में बालिकाओं के एक दिवसीय संस्कार सम्मेलन में 5588 बालिकाओं ने भाग लिया।
- दिसम्बर 2016 व जनवरी 2017 में बाड़मेर, सिरोही, पाली, बिजरोल खेड़ा व जोधपुर में बालक व बालिकाओं के संस्कार सम्मेलन संपन्न हुए। इन सम्मेलनों में 6744 बालक व 4490 बालिकाओं ने भाग लिया।
- जून 2019 में माँ गंगा के तट पर हरिद्वार में बालको के लिए संस्कार शिविर हुआ। इस शिविर में संपूर्ण भारत से समाज के युवाओं ने भाग लिया।
- 21 अक्टूबर, 2019 से 03 नवंबर, 2019 तक मेड़ता, नारवा पुरोहितान, सरदार शहर, हनुमानगढ़, बीकानेर, किशनासर, फलौदी, बड़ली, जैसलमेर, शिव, बाड़मेर, आसोतरा, सायला, बिजरोल खेड़ा, लाखणी (गुजरात), डीसा (गुजरात), कालिंद्री, फालना, पाली व जालौर में एक दिवसीय बालिका संस्कार सम्मेलनों में 8883 बालिकाओं ने भाग लिया।
- नवम्बर, 2019 में चैन्नई में एक दिवसीय संस्कार शिविर का आयोजन हुआ।
- 25 दिसम्बर, 2019 को एक दिवसीय बालक-बालिकाओं का संस्कार सम्मेलन उज्जैन (मध्यप्रदेश) में हुआ। इस सम्मेलन में 124 बालक और बालिकाओं ने भाग लिया।
- 27 दिसंबर, 2019 को एक दिवसीय बालिका संस्कार सम्मेलन रायपुर (छत्तीसगढ़) में हुवा। इस सम्मेलन में 86 बालिकाओं ने भाग लिया।
- फरवरी 2020 में कड़पा (आंध्रप्रदेश) में एक दिवसीय संस्कार सम्मेलन का आयोजन हुआ।
संगठन के क्षेत्र में:-
- समाज में एकता और समरसता का भाव लेकर पूज्य वेदांताचार्य डाॅ. श्री ध्यानारामजी महाराज ने अब तक लगभग 350 से अधिक गाँवों में प्रवास किया। समाज बंधुओं को ब्रह्मधाम तीर्थ से जोड़ने के लिए विभिन्न वर्गों के सम्मेलन आयोजित किए। अब तक सम्पन्न हुए सम्मेलनों का वर्णन निम्नलिखित है –
- अखिल भारतीय शिक्षक सम्मेलन – 20 से 22 अक्टूम्बर 2014 में प्रथम सम्मेलन आसोतरा में हुआ और समाज के 750 से अधिक शिक्षकों ने भाग लिया। द्वितीय सम्मेलन बड़ली में हुआ और समाज के 550 से अधिक शिक्षको ने भाग लिया।
- अखिल भारतीय चिकित्सक सम्मेलन -प्रथम सम्मेलन जोधपुर में हुआ और समाज के 100 से अधिक चिकित्सकों ने भाग लिया।
- अखिल भारतीय अधिवक्ता सम्मेलन – प्रथम सम्मेलन आसोतरा में हुआ और समाज के 150 से अधिक अधिवक्ताओं ने भाग लिया।
- अखिल भारतीय प्रशासनिक अधिकारी सम्मेलन – प्रथम सम्मेलन हरिद्वार में हुआ और समाज के 50 से अधिक प्रशासनिक अधिकारियों ने भाग लिया।
- अखिल भारतीय प्रवासी सम्मेलन – प्रथम सम्मेलन आसोतरा में हुआ और देश के 8 राज्यो से 108 प्रवासी बंधुओं ने भाग लिया।
- अखिल भारतीय अभियंता सम्मेलन – प्रथम सम्मेलन जयपुर में हुआ और समाज के 82 से अधिक अभियंताओं ने भाग लिया।
संपूर्ण राजस्थान में निवास करने वाले समाज बंधुओं की आर्थिक व सामाजिक जनगणना
की गई। इन आँकड़ों का डिजिटलाइजेशन का कार्य प्रक्रियाधीन है। - अखिल भारतीय जन प्रतिनिधि सम्मलेन – प्रथम सम्मेलन ब्रह्मधाम आसोतरा में दिनांक 28 फरवरी, 2021 को सम्पन्न हुआ। इस सम्मेलन में 111 जन प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
- अखिल भारतीय सेवानिवृत्त शिक्षकों की बैठक – प्रथम सम्मेलन ब्रह्मधाम तीर्थ आसोतरा में 07 मार्च, 2021 को संपन्न हुआ। इस बैठक में 40 शिक्षकों की उपस्थिति रही।
- अखिल भारतीय शिक्षाविद् सम्मलेन – प्रथम सम्मेलन ब्रह्मधाम तीर्थं आसोतरा में 14 मार्च, 2021 को संपन्न हुआ। इस सम्मलेन में 25 शिक्षाविद् उपस्थित रहे।
- संपूर्ण राजस्थान में निवास करने वाले समाज बंधुओं की आर्थिक व सामाजिक गणना की गई। इन आँकड़ों का डिजिटलाइजेशन का कार्य प्रक्रियाधीन है।
सेवा के क्षेत्र में :-
- वेदांताचार्य डाॅ. ध्यानारामजी की प्रेरणा से राजपुरोहित बाहुल्य गाँवों से प्रत्येक पूर्णिमा के अवसर पर श्री खेतेश्वर ब्रह्मधाम तीर्थ, आसोतरा में युवा, सेवा के भाव से पूरे दिन व्यवस्थाएँ संभालते हैं।
आगामी योजनाएँ :-
- शिक्षा के क्षेत्र में हमारा समाज अग्रणी बने, इस हेतु संत श्री संस्थान द्वारा आर्थिक रूप से कमजोर बालक और बालिकाओं को प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी हेतु ऋण के रूप में धन राशि दी जायेगी। जब बालक या बालिकाओं की नौकरी लग जाती है, तब वे राशि किश्तों में संस्थान में जमा करायेंगे।
- राजस्थान में समाज बाहुल्य गाँवों में एक-एक गुरुकुल की स्थापना करने की योजना है।
- जिस राज्य में राजपुरोहित समाज बंधु ज्यादा रहते हैं वहाँ एक गुरुकुल की स्थापना करने की योजना है।
- श्री खेतेश्वर विद्यापीठ, बड़ली (जोधपुर) में बालिकाओं के लिए एक आवासीय छात्रावास खोलने की योजना है।
- नई दिल्ली में एक बहुउद्देशीय भवन की योजना है।
- अयोध्या में समाज का विश्राम भवन की योजना।
- जोधपुर में शीघ्र ही एम्स चिकित्सालय के पास ‘श्री खेतेश्वर आरोग्य भवन’ समाज के लिए समर्पित होगा।
2022 में संत श्री संस्थान का विलीन अखिल भारतीय राजपुरोहित समाज विकास संस्थान में कर लिया गया हैं।