यज्ञोपवीत शिविर – 2012 में जितने भी बटुक इस यज्ञ में बैठे थे सभी का पहले यज्ञोपवित संस्कार हुआ था। उसके बाद गुरूजी ने जो संस्कार शिविरों का अभियान जो चलाया था उसमें यज्ञोपवित के रूप में माला व यज्ञोपवित संस्कार दिये गये।
भविष्य की योजना – राजपुरोहित समाज में ऐसा माना जाता है कि शादी से पहले यज्ञोपवित संस्कार की शिक्षा दी जायें जिसमें 12 वर्ष से ऊपर के बालकों का शिविर आयोजन किया जायें जिसमें यज्ञोवपित की शिक्षा दी जाये।