One thought on “राजस्थानपुरोहिताहिं सकलान् सेवापरान्मूलतो, ध्यान प्रभावत:”
गुरु शरणम् गुरु शरणम् गुरु शरणम् गुरु शरणम् कटे मेरा पाप अब केसे पाऊ मैं तो शांति अब कैसे गुरु शरणम् गुरु शरणम् गुरु शरणम् गुरु शरणम् गुरु शरणम् गुरु शरणम् गुरु शरणम् गुरु शरणम्
गुरु शरणम् गुरु शरणम् गुरु शरणम् गुरु शरणम् कटे मेरा पाप अब केसे पाऊ मैं तो शांति अब कैसे गुरु शरणम् गुरु शरणम् गुरु शरणम् गुरु शरणम् गुरु शरणम् गुरु शरणम् गुरु शरणम् गुरु शरणम्